बच्चों पर लिंग का प्रभाव - Impact of gender on childhood
साधारण शब्दों में व्यक्ति की पुरुष और महिला के रूप में सार्वजनिक छवि जो अन्य लोगों के सामने प्रस्तुत होती है वही उनकी लिंग (gender) कहलाती है| लिंग की भूमिका व्यवहार का ऐसा समुच्चय है जो किसी व्यक्ति के स्त्रियोचित और पुरुषोचित प्रतिबिंब प्रस्तुत करता है जो उसके लिंग की पहचान होती है| भारत में महिलाओं की संख्या में अंतर का कारण भारतीय समाज की सामाजिक और गैर आर्थिक परिस्थितियां हैं|
सरकार द्वारा 2011 में कराई गई जनगणना के आंकड़ों के आधार पर भारत में प्रति हजार पुरुष पर केवल 919 स्त्रियां हैं| हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में क्रमश 834, 846, 902 और 888 है| लड़कियों को समाज में बोझ समझने के कारणों से उसे पारिवारिक अधिकारों से वंचित किया जाता है| समाज में स्त्रियों के साथ इस भेदभाव का प्रभाव बच्चों के जीवन अनुभव पर बहुत व्यापक पड़ता है| बाल्यावस्था से ही परिवार और समाज के बच्चों के बीच में बालक और बालिका के रूप में एक विभाजन रेखा खींच दी जाती है| जिसका कुप्रभाव बच्चों के कोमल मानसिकता पर पड़ता है|
कई बार ऐसा भी देखा गया है कि प्रतिभाशाली होते हुए भी परिवार की बच्चियां सामाजिक कुरीतियों और असमानताओं के कारण अपना सही विकास नहीं कर पाती हैं| भारतीय समाज में भ्रूण हत्या का प्रचलन बालिकाओं के बचपन को खत्म कर देने के सामान ही है| भारत सरकार ने एक विधेयक पारित करके भ्रूण हत्या एवं भ्रूण प्रशिक्षण को कानूनन अपराध माना है| यदि इस कानून पर अमल किया जाए तो स्त्री और पुरुष की जनसंख्या का अनुपात सामान्य हो सकता है| कई शोधों और सर्वेक्षणों से यह साबित हो गया है कि बालिकाओं के साथ बाल्यावस्था में ही अमानवीयकृत और जघन्य व्यवहार शुरू कर दिया जाता है जो उसके सुनहरे बचपन को खत्म करके आगामी जीवन को नरकीय बना देते हैं|
बच्चों के बाल्यावस्था पर लिंग के सकारात्मक प्रभाव पड़े इसके लिए यह अति आवश्यक है कि हर एक व्यक्ति अपने परिवार से ही इस के बीच समानता का व्यवहार शुरू करें| भारत सरकार ने समाज में बच्चों एवं लड़कियों के प्रति लोगों का दृष्टिकोण बदलने के लिए कई कानून बनाए हैं जो निम्न है -
संरक्षण और प्रतिपालन अधिनियम -1990
किशोर अपराध अधिनियम - 1981
स्त्री और बालक संस्था अधिनियम - 1956
बाल विवाह अवरोध अधिनियम - 1929
हिंदू दत्तक और भरण पोषण अधिनियम -1956
प्रसव पूर्व परीक्षण तकनीक अधिनियम - 1994
इसके अलावा अनेक कानून बनाए गए हैं जिसमें लिंग असमानता को दूर करने का अपराधी निरोधक कानून ऐसे हैं जिसमें बच्चों की देखभाल और सुरक्षाओं का प्रावधान है| ऐसे अनेक संवैधानिक कानून है जिन्हें बच्चों की देखभाल संबंधी राज्यों के कुछ स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार पारित किया गया है|
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