(ii) वक्ष (Thorax): इस भाग में उरोष्ठी 12 जोड़ी परसुकाएं वक्षीय कशेरूक हड्डियाँ होती हैं। शरीर के प्राणमूलक अंग, जैसे- हृदय, फेफड़ा, यकृत, श्वास नली, वृहद् रक्त वाहिकाएं आदि इसी भाग में संरक्षित रहती हैं।

(iii) अंश मेखला या स्कन्ध मेखला (Shoulder or Pectoral Girdle) :स्कन्ध मेखला हाँथ की हड्डियाँ होती हैं। हाँथ को हड्डियों की संरचना की दृष्टि से 3 भागों में बांटते हैं-

ह्यूमरस - यह हाँथ का सबसे ऊपरी भाग है। इसमें मात्र 1 हड्डी होती है।
रेडिओ - अलना यह हाँथ का मध्य भाग है। इसमें 2 हड्डियाँ- रेडिओ और अलना होती है।
टारसल - वह हाँथ का अग्रभाग है। इसमें कुल 5 हड्डियाँ होती हैं। इसकी प्रत्येक हड्डी 3 भागों में विभक्त होती है, जिन्हें ‘मेटाटर्सल’ कहते हैं। ‘अंगुलास्थि’ और ‘रेडियो-अलना’ के बीच में हाँथ का एक उप अंग होता है, जिसे कलाई कहते हैं। ‘रिस्ट’ (कलाई) में 5 हड्डियाँ होती हैं।

अंश मेखला का निर्माण स्कैपुला तथा क्लैविकल नामक अस्थियों से होता है। जिसमें स्कैपुला अंश मेखला की मुख्य अस्थि होती है।


(iv) श्रोणि मेखला (Pelvis Girdle): इसमें शरीर के पश्च भाग से पैर तक की अस्थियाँ (हड्डियाँ) शामिल की जाती हैं। इस भाग में ‘फीमर’ ( Female शरीर की सबसे लम्बी हड्डी- पैर के ऊपरी भाग में स्थित, अर्थात् कमर से घुटने तक की हड्डी को ‘फीमर’ कहते हैं), टीबिया-फीबुला (Tibia-Fibula- घुटने से टखने (एड़ी) तक की हड़फी, टार्सल एवं मेटा टार्सल हड्डियाँ पायी जाती हैं।

(v) कशेरूक दण्ड (Vertebral Column) : इसे रीढ़ की हड्डी भी कहते हैं। इसमें बच्चों में 33 हड्डियाँ एवं व्यस्कों में 26 अस्थियाँ होती हैं। इनका वितरण इस प्रकार है- ग्रीवा में 7, वक्ष में 12, कटि में 5, त्रिक में 5 और अनुत्रिक में 4 हड्डियाँ होती हैं। वयस्क व्यक्ति के त्रिक और अनुत्रिक भागों के कशेरूक आपस में मिलकर 2 कशेरूक के रूप धारण कर लेते हैं। इस प्रकार कशेरूक दण्ड में अस्थियों की कुल संख्या 26 हो जाती है। एक कशेरूक दूसरे कशेरूक के साथ इस प्रकार जुड़े रहते हैं कि इनके भीतर एक नली सी रचना बन जाती है, जिसे ‘मेरू रज्जु’ कहते हैं। शरीर में सूचनाओं/सन्देशों का परिसंचरण इसी के माध्यम से होता है।


वयस्क मनुष्य में कुल हड्डियों की संख्या 206 (बच्चों में 300) होती है। खोपड़ी में कुल 29, कशेरूक दण्ड में 33, हाँथ में 60 तथा पैर में 60 हड्डियाँ होती हैं।

सबसे लम्बी हड्डी ‘फीमर’ तथा सबसे छोटी हड्डी स्टेपीज (कान की हड्डी) है।

अस्थियों (हड्डियों) की कठोरता का कारण कैल्सियम व मैग्नीशियम फास्फेट लवण है।

मानव शरीर में कठोरतम भाग है- ‘दाँत’ के शिखर की ‘इनैमल’ हड्डी ( 93% कैल्शियम व मैग्नीशियम फास्फेट)।

वाह्य कंकाल के अन्तर्गत बाल और नाखून आते हैं। इनकी रचना ‘किरैटीन’ नामक प्रोटीन से होती है।