अस् धातु को संस्कृत में हिंदी के ' होना ' शब्द के लिए और अंग्रेजी में ' टू बी ( to be ) ' के लिए उपयोग में लाया जाता है।
अस् धातु के रूप सभी पाँचो लकारों में | Ash Dhatu Roop in all five lakars in Sanskrit
अस् भ्वादिगण तथा परस्मैपदी धातु है। सभी भ्वादिगण धातु के धातु रूप इसी प्रकार बनते है जैसे- भू-भव्, अर्च्, लिख्, गम्, गुह्, घ्रा, जि, तप्, दा, दृश्, धाव्, नी, पा, पच्, पत्, पठ्, भज्, यज्, वद्, व्रज, वृत्, वस्, शुच्, शुभ्, स्था, सेव्, श्रु, सद् आदि।
अस् धातु के सभी पाँचो लकारों में धातु रूप, तीनों पुरुषों एवं तीनों वचनों में अस् धातु रूप नीचे दिये गये हैं:
अस् धातु लट् लकार ( वर्तमान काल ) – Ash Dhatu Lat Lakar ( Present Tense)
पुरुष |
एकवचन |
द्विवचन |
बहुवचन |
प्रथम पुरुष |
अस्ति |
स्तः |
सन्ति |
मध्यम पुरुष |
असि |
स्थः |
स्थ |
उत्तम पुरुष |
अस्मि |
स्वः |
स्मः |
अस् धातु लङ् लकार ( सामान्य भूत काल ) – Ash Dhatu Lung Lakar ( Simple Past Tense )
पुरुष |
एकवचन |
द्विवचन |
बहुवचन |
प्रथम पुरुष |
आसीत् |
आस्ताम् |
आसन् |
मध्यम पुरुष |
आसीः |
आस्तम् |
आस्त |
उत्तम पुरुष |
आसम् |
आस्व |
आस्म |
अस् धातु लृट् लकार ( भविष्यत् काल ) – Ash Dhatu Lrit Lakar ( Future Tense )
पुरुष |
एकवचन |
द्विवचन |
बहुवचन |
प्रथम पुरुष |
भविष्यति |
भविष्यत: |
भविष्यन्ति |
मध्यम पुरुष |
भविष्यसि |
भविष्यथः |
भविष्यथ |
उत्तम पुरुष |
भविष्यामि |
भविष्यावः |
भविष्यामः |
अस् धातु लोट् लकार ( अनुज्ञा ) – Ash Dhatu Lot Lakar ( to order )
पुरुष |
एकवचन |
द्विवचन |
बहुवचन |
प्रथम पुरुष |
अस्तु |
स्ताम् |
सन्तु |
मध्यम पुरुष |
एधि |
स्तम् |
स्त |
उत्तम पुरुष |
असानि |
असाव |
असाम |
अस् धातु विधिलिङ् लकार ( चाहिए अर्थ में ) – Ash Dhatu Vidhiling Lakar ( License )
पुरुष |
एकवचन |
द्विवचन |
बहुवचन |
प्रथम पुरुष |
स्यात् |
स्याताम् |
स्युः |
मध्यम पुरुष |
स्याः |
स्यातम् |
स्यात |
उत्तम पुरुष |
स्याम् |
स्याव |
स्याम |
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