हिंदी कथा साहित्य की सुप्रसिद्ध लेखिका मन्नू भंडारी को शत्-शत् नमन।🙏🏻🙏🏻🕉️🕉️
उनके निधन से हिंदी साहित्य जगत् को आघात लगा।
हिन्दी की सुप्रसिद्ध कहानीकार मन्नू भंडारी का जन्म 03 अप्रैल, 1931 ई० मध्यप्रदेश में मंदसौर जिले के भानपुरा गाँव में हुआ। उनके बचपन का नाम महेंद्र कुमारी था परंतु लेखन के लिए उन्होंने 'मन्नू' नाम का चुनाव किया। धर्मयुग में धारावाहिक रूप से प्रकाशित उपन्यास 'आपका बंटी' से लोकप्रियता प्राप्त करने वाली मन्नू भंडारी विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में प्रेमचंद सृजनपीठ की अध्यक्षा भी रहीं। लेखन का संस्कार उन्हें विरासत में उनके पिता सुख सम्पतराय जी से मिला।
निधन :- 15 नवंबर, 2021
रचनाएँ -
🏆 कहानी व कहानी-संग्रह :-
एक प्लेट सैलाब (1962)
मैं हार गई (1957),
तीन निगाहों की एक तस्वीर,
यही सच है (1966),
त्रिशंकु,
आँखों देखा झूठ,
श्रेष्ठ कहानियाँ,
नायक, खलनायक, विदूषक।
🏆उपन्यास
1. आपका बंटी (1971) - यह उपन्यास विवाह विच्छेद की त्रासदी में पिस रहे एक बच्चे को केंद्र में रखकर लिखा गया है।
2. एक इंच मुस्कान (1962) - लेखिका और पति राजेंद्र यादव के साथ लिखा गया उनका उपन्यास एक इंच मुस्कान पढ़े लिखे आधुनिक लोगों की एक दुखांत प्रेमकथा है, जिसका एक-एक अंक लेखक-द्वय ने क्रमानुसार लिखा।
3. महाभोज (1979) - यह उपन्यास नौकरशाही और राजनीति में व्याप्त भ्रष्टाचार के बीच आम आदमी की पीड़ा को उद्घाटित करता है। इस उपन्यास पर आधारित नाटक अत्यधिक लोकप्रिय हुआ था।
4. 'यही सच है' - इस पर आधारित 'रजनीगंधा' फिल्म अत्यंत लोकप्रिय हुई थी और उसको 1974 की सर्वश्रेष्ठ फिल्म का पुरस्कार भी प्राप्त हुआ था।
5. स्वामी,
6. कलवा।
🏆नाटक
'बिना दीवारों का घर' (1966)
🏆पटकथाएँ :-
रजनी, निर्मला, स्वामी, दर्पण।
🥇🏆🏅पुरस्कार और सम्मान :-
हिन्दी अकादमी, दिल्ली का शिखर सम्मान,
बिहार सरकार,
भारतीय भाषा परिषद, कोलकाता,
राजस्थान संगीत नाटक अकादमी,
व्यास सम्मान और
उत्तर-प्रदेश हिंदी संस्थान द्वारा पुरस्कृत।
पुन: हार्दिक नमन।🙏🏻🙏🏻
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