वाच्य किसे कहते हैं? Vachya kise kahte hain?
परिभाषा- जिस क्रिया से यह पता चले कि किसी वाक्य में कर्ता, कर्म या भाव में किसी एक की प्रधानता हो तो उसे वाच्य कहते हैं।वाच्य के भेद - Vachya ke bhed
वाच्य के तीन भेद होते हैं- कर्तृ वाच्य (Kartri Vaachya – Active Voice)
- कर्म वाच्य (Karm Vaachya – Passive Voice)
- भाव वाच्य (Bhaav Vaachya – Impersonal Voice or Impressive Voice)
कर्तृ वाच्य (Krity Vaachya – Active Voice)- जिस वाक्य में कर्ता की प्रधानता होती है और क्रिया का सीधा संबंध कर्ता से होता है तो उसे कृत्य वाच्य कहते है।
उदाहरण-
- राम पत्र लिखता है।
- मोहन गाना गाता है।
- प्रज्ञा स्कूल जाती है।
नोट- यहाँ कर्ता की प्रधानता है और क्रिया का सीधा संबंध कर्ता से हो रहा है अतः यह कृत्य वाच्य होंगे।
कर्म वाच्य (Karm Vaachya – Passive Voice)- जिस वाक्य में कर्म की प्रधानता होती है और क्रिया का सीधा संबंध कर्म से होता है तो उसे कर्म वाच्य कहते है।
उदाहरण-
- श्याम बस से पटना जाता है।
- दुकान बंद करवा दी गयी।
- पत्र लिखा गया।
भाव वाच्य (Bhaav Vaachya – Impersonal Voice or Impressive Voice)- जिस वाक्य में कर्ता गौण अर्थात कर्ता व कर्म गौण होता है लेकिन भाव की प्रधानता होती है तथा क्रिया का सीधा सम्बन्ध भाव से होता है तो उसे भाव वाच्य कहते है।
उदाहरण-
- मुझसे उठा नहीं जाता।
- मुझसे चला नहीं जाता।
- मुझसे खाया नहीं जाता।
वाच्य परिवर्तन ( Vachya parivartan )
कर्तृवाच्य से कर्मवाच्य में वाच्य परिवर्तन
कर्तृवाच्य से कर्मवाच्य में वाच्य परिवर्तन (Vachya Parivartan) करने के लिए निम्नलिखित बातों को ध्यान में रखना चाहिए-
>> कर्तृवाच्य के कर्ता के साथ यदि कोई विभक्ति लगी हो, तो उसे हटाकर कर्ता के बाद ‘के’ अथवा ‘के द्वारा’ परसर्ग का प्रयोग किया जाता है।
>> कर्म के साथ यदि कोई कोई विभक्ति ( कारक - चिन्ह ) या परसर्ग हो तो उसे हटा दिया जाता है।
>> कर्तृवाच्य की मुख्य क्रिया को सामान्य भूतकाल में परिवर्तित किया जाता है।
>> परिवर्तित क्रिया के साथ ‘जाना’ क्रिया का काल, पुरुष, वचन और लिंग के अनुसार जो रूप हो, उसे जोड़कर साधारण क्रिया को संयुक्त क्रिया में बदला जाता है।
उदाहरण-
कर्तृ वाच्य- राम पत्र लिखता है।
कर्तृ वाच्य- राधा नृत्य करती है।
कर्म वाच्य- राधा द्वारा नृत्य किया जाता है।
कर्तृवाच्य से भाववाच्य में वाच्य परिवर्तन
कर्तृवाच्य से भाववाच्य में वाच्य परिवर्तन (Vachya Parivartan) करने के लिए निम्नलिखित बातों को ध्यान में रखना चाहिए-
>> कर्ता के साथ से, द्वारा या के द्वारा विभक्ति चिह्न लगा दिया जाता है।
>> क्रिया को सामान्य भूत काल में लाकर उसक साथ काल के अनुसार ‘जाना’ क्रिया रूप जोड़ा जाता है।
>> क्रिया को एकवचन, पुल्लिंग और अन्य पुरुष में परिवर्तित कर दिया जाता है।
>> आवश्यकतानुसार निबंध सूचक ‘नहीं‘ का प्रयोग होता है।
उदाहरण-
कर्म वाच्य- प्रज्ञा नहीं हँसती।
भाव वाच्य- प्रज्ञा से हँसा नहीं जाता।
कर्म वाच्य- मैं पढ़ नहीं सकता।
भाव वाच्य- मुझसे पढ़ा नहीं जाता।
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